अष्टमी पूजा की विधि

अष्टमी पूजा की विधि 

अष्टमी पूजा को देवी दुर्गा की नौ रूपों में से एक रूप, मां महागौरी के लिए समर्पित किया जाता है

अष्टमी पूजा को देवी दुर्गा की नौ रूपों में से एक रूप, मां महागौरी के लिए समर्पित किया जाता है

अष्टमी तिथि की शुरुआत 28 मार्च, बुधवार को शाम 07 बजकर 02 मिनट पर होगी और 29 मार्च को शाम 09 बजकर 07 मिनट 

महाअष्टमी ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. 

सामग्री: – मूर्ति या चित्र मां महागौरी का। – दुर्वा घास का एक माला। – कुमकुम, चावल और अक्षता। – दिये और घी। – फूल, फल और प्रसाद।

विधि: 1. पूजा के लिए एक स्थान चुनें, जहां शांति और स्थिरता हो।

विधि: 2.मां महागौरी की मूर्ति या चित्र के सामने दुर्वा माला रखें।

विधि: 3. मूर्ति को कुमकुम चढ़ाएं और चावल और अक्षता से अलंकृत करें।

विधि: 4. दीपक जलाएं और घी से उत्सव में शुभकामनाएं दें।

विधि: 5. फूल, फल और प्रसाद का समर्पण करें।

विधि: 6. मां महागौरी के मंत्रों का जप करें और उन्हें पूजन के दौरान याद करें।

अष्टमी पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है दुर्गा सप्तशती का पाठ करना। यह पाठ मां दुर्गा की महिमा का वर्णन करता ह